जानिए सैलून, होटल और पार्क में वायरस से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं

जानिए सैलून, होटल और पार्क में वायरस से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं

सेहतराग टीम

कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पूरी दुनिया में लॉकडाउन लग गया था, सभी घरों में कैद थे, काम धंधा ठप्प था। ऐसी स्थिति में सभी देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई, जिसको ठीक करने के लिए तकरीबन तीन महीने बाद अब धीरे-धीरे करके खुलना शुरु हो गया है। लेकिन कुछ हिदायत के साथ ऐसा किया जा रहा है। खासकर उन जगहों पर ज्यादा सावधानी बरती जा रही है, जहां लोगों के एकत्रित होने की ज्यादा संभावना होती है, जैसे, सैलून, होटल और पार्क आदि। आइए जानते हैं कि इन जगहों पर वायरस से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। साथ ही हमारे और दूसरे मुल्कों में इन जगहों पर संक्रमण रोकने के लिए क्या-क्या विशेष नियम बनाए गए हैं। देश-विदेश के इन नियमों को जानकर और समझकर आप खुद को कोरोना वायरस से बेहतर तरीके से सुरक्षित रख पाएंगे।

पढ़ें- महाशक्तियों को भारत से अधिक आया पसीना

सैलून

ब्रिटेन में चार जुलाई से होटल, हॉस्टल, थीम पार्क, सैलून, पब आदि खुल रहे हैं। यहां पर सैलून को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। जैसे सैलून को अपने क्लाइंट के नाम और कांटैक्ट डिटेल का डाटा जुटाना पड़ेगा और कम के कम 21 दिन तक उन्हें सुरक्षित रखना पड़ेगा। कस्टर के सैलून में आते ही हैंड सैनेटाइजर से उनका हाथ सैनेटाइज कराना होगा। दुकान में ग्राहकों के बीच फिजिकल डिस्टैंसिंग के नियम का पालन कराना होगा। हेयर ड्रेसर का चेहरा फेस कवर से ढंका होना चाहिए। वहीं कस्टमर को पूरी सेवा के दौरान डिस्पोजेबल गाउन पहनना होगा। वहीं ऐसे प्रोसिजनर जिसमें चेहरे आमने-सामने आते हैं, जैसे आईलेस बनवाना से बचने की सलाह दी गई है। वहीं हमारे देश के कई राज्यों में भी सैलून खुल गए हैं। इन सैलून के लिए कई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जैसे-

  • सैलून की दुकान पर आने वाले ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
  • दुकानदारों को हाथों में ग्लब्स और मुंह पर मास्क लगाना होगा।
  • साथ ही ग्राहकों को भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
  • सिर्फ 2 सीट पर ही कटिंग की इजाजत है।
  • कटिंग में यूज एंड थ्रो टॉवल का इस्तेमाल करना होगा।
  • एक कटिंग के बाद सभी समानों को सैनिटाइज करना होगा

होटल

ब्रिटेन में बने नियमों के मुताबिक, कस्टमर को कॉरिडोर और लिफ्ट में मास्क पहनना होगा। रूम सर्विस को कमरे के दरवाजे पर ही छोड़ना होगा। अगर बाथरूम कॉमन है तो कस्टमर के शॉवर टाइम को रिजर्व किया जाएगा। चेक-इन और चेक-आउट के वक्त फिजिक्ल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा।

भारतीय नियमों के मुताबिक, होटल में एक रूम ऐसा होना चाहिए, जहां कोरोना मरीज को आइसोलेट किया जा सके, ताकि एकाएक कोई मरीज मिल जाए तो उसका बचाव किया जा सके। साथ ही तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने को कहा गया है।

रेस्टोरेंट

ब्रिटेन के नए नियमों के मुताबिक, सैलून की तरह रेस्टोरेंट को भी ग्राहकों का डाटा 21 दिन तक रखना होगा। रेस्टोरेंट को कोई लाइव परफार्मेंस ड्रामा, कॉमेडी, डांस और म्यूजिक नहीं होगा। म्यूजिक नहीं चलेगा, ताकि किसी को बातचीत के लिए जोर-जोर से चिल्लाना न पड़े (नए शोध के मुताबिक, बातचीत के दौरान भी प्रति मिनट 1000 ड्रॉपलेट निकलती हैं)। अगर संभव हो तो रेस्टोरेंट में ज्यादा टेबल बाहर रखी जाएं। यह तय होना चाहिए कि रेस्टोंरेंट में अधिकतम कितने लोग एक साथ आ सकते हैं, ताकि फिजिकल डिस्टैंसिंग के नियमों का आसानी से पालन हो सके। रेस्टोरेंट में हैंड सैनेटाइजर और फिजिकल डिस्टैंसिंग के लिए मार्किंग होनी चाहिए। भुगतान कांटैक्ट लेस होना चाहिए। हमारे देश में भी बार और रेस्टोरेंट के लिए कई गाइडलाइंस जारी की गई है, जैसे ग्लास को गर्म पानी से धोने को कहा गया है। वहीं, एस्केलेटर्स पर एक सीढ़ी छोड़कर ही लोगों को चलने की सलाह दी गई है।

वहीं एलिवेटर के बटन, रेलिंग, वाशरूम, सर्विस एरिया और दरवाजे के हैंडल को सैनेटाइज करने को कहा गया है। साथ ही एसी का तापमान 24 से 3 डिग्री के बीच रखने पर ह्यूमिडिटी लेवल सामान्य रहेगा। वहीं बारिश होने पर रेस्टोरेंट के भीतर न जाने की सलाह दी गई है। कुर्सी, टेबल और काउंटर सैनेटाइज होने चाहिए।

पार्क और थीम पार्क

कस्टमर को हैंड सैनेटाइजर मिलना चाहिए। कोशिश की जानी चाहिए कि कोई जोर-जोर से न बोले। एक गार्ड सिर्फ फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन कराने के लिए होना चाहिए। पार्क में वन-वे सिस्टम होना चाहिए। सभी कस्टमर्स का रिकार्ड 21 दिन तक रखना चाहिए।

 

इसे भी पढ़ें-

दिल्ली में शुरू हुआ आयुर शील्ड इम्यूनिटी क्लिनिक

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।